Friday, November 25, 2005

An abundance of stiches & some color on hand woven cotton।( पुनेके ओशो गार्डन पेसे ये कल्पना ली मैंने...उसमे अपने मनसे कुछ बदलाव लाये गए हैं....)इसमे कई सारे कढाई के टांकों का इस्तेमाल किया है....बगीचेमे भरे रंग और फूलोंकी कल्पना अपने मनसे की है....)
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर कृतियां है ये.....मैने सारे देखे.एक एक करके आपका सारा ब्लाग देख रहा हूँ मैं.
मेरे ब्लाग पर आने के लेये धन्यवाद.आभार.
गुलमोहर का फूल
Splendid Dear, Love it.
धागों का इतना सुन्दर इस्तेमाल इस से पहले कहीं नहीं देखा...
नीरज
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