गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009

सूखा झरना!

इस तस्वीर की एक दूरसे ली छवी पोस्ट कर चुकी थी...ये पाससे ली है...ऊँचें रचे हुए पत्थरों पे नदीओं में मिलने वाले सफ़ेद, गोल पत्थर डाल रखे थे....पानी की फुहार सुराही में से निकलता थी जिसे water sculpture ..कहा जाता है...यहाँ पे फाइबर के बने लैंप लगाये थे, जब रातमे जलाये जाते थे, तो लगता था पत्थर से छनके रौशनी आ रही है....अब ये कवल तस्वीरें बगीचे तो रहे नही...बगीचों की आसान तरीक़ेसे बनानेके लिए ये कुछ सुझाव मात्र हैं!
इस तस्वीर को इस ब्लॉग पे डालने की वजह है,कि, इस भी मै अपने 'फाइबर आर्ट'मे तब्दील कर चुकी हूँ...किसी दिन उसकी तस्वीर भी पोस्ट कर दूँगी...!